!!रोज़ उठकर बयान देता है!!
!!तेरी खातिर वो जान देता है!!
!!रोज़ मिलती है दिल को नाकामी!!
!!रोज़ दिल इम्तिहान देता है!!
!!खुल्द लगने लगी है ये दुनियाँ!!
!!इश्क इतना गुमान देता है!!
!! कौन है जो मेरे तसव्वुर को!!
!! इतनी ऊंची उड़ान देता है!!
!! चाँद तारे तो मैं भी ले आऊँ!!
!!बोल क्या आसमान देता है!!
!!अब ना देखेगा तुझको दीवाना!!
!!ले तुझे इत्मिनान देता है!!
!!अब ना होगी अमीन फिर उल्फत!!
!!ऐक सय्यद ज़बान देता है!!
BY :
Mohammad Ameen Faizawaadi