खयालों में तुझको पुकारा करेगें,
मिले जीस्त गर ये गुज़ारा करेगें.
तू चुपके से मिलने चली आ फलक पे,
सितारे कभी तो इशारा करेगें.
लगेगा क़मर भी फीका आसमां में,
मुक़ाबिल तुझे जब उतारा करेगें.
झरोखें में आ दीद के हम बहाने,
यूँ ही तेरी खिड़की निहारा करेगें.
खुदी में मुझे देख यूँ आईने में,
हया से वो चैहरा सँवारा करेगें.
BY :
Mohammad Chand